जीवन के ऐसे क्षण जो स्व (ख़ुद) से निकलकर विस्तार में जाने को विवश कर देते हैं उन्हीं क्षणों की अभिव्यक्ति का आयोजन
bahut Badhiya. maza aa gaya gazal sun kar ye blog toapna pasandeeda ban gaya.
मज़ा आ गया मेराज भाई...दुआएं आपके लिये ढ़ेर सारी...सुरीलापन बरक़रार रहे.आपके एम.पी.3 प्लेयर का पता दीजियेगा,शायद हम भी फ़ायदा उठा पाएं .दुआएँ.
जी हां हमें भी बताएं ये एम पी 3 प्लेयर किस तरह लगा रहे हैं ।
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bahut Badhiya. maza aa gaya gazal sun kar ye blog toapna pasandeeda ban gaya.
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया मेराज भाई...
जवाब देंहटाएंदुआएं आपके लिये ढ़ेर सारी...
सुरीलापन बरक़रार रहे.
आपके एम.पी.3 प्लेयर का पता दीजियेगा,
शायद हम भी फ़ायदा उठा पाएं .
दुआएँ.
जी हां हमें भी बताएं ये एम पी 3 प्लेयर किस तरह लगा रहे हैं ।
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