कुमार
आज तुम्हारी आयी याद,
मन में गूँजा अनहद नाद !
बरसों बाद
बरसों बाद !
*
साथ तुम्हारा केवल सच था,
हाथ तुम्हारा सहज कवच था,
सब-कुछ पीछे छूट गया,
पर जीवित पल-पल का उन्माद !
आज तुम्हारी आयी याद !
*
बीत गये युग होते-होते,
रातों-रातों सपने बोते,
लेकिन उन मधु चल-चित्रों से
जीवन रहा सदा आबाद !
आज तुम्हारी आयी याद !
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गीतकार : महेन्द्रभटनागर
गायक : कुमार आदित्य विक्रम
(कुमर आदित्य ग्वालियर एम0 पी0 के उभरते कलाकार हैं। वर्तमान में मुम्बई में रहकर फ़िल्म सगीत की यात्रा के लिये तैयारी कर रहें हैं)
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