जीवन के ऐसे क्षण जो स्व (ख़ुद) से निकलकर विस्तार में जाने को विवश कर देते हैं उन्हीं क्षणों की अभिव्यक्ति का आयोजन
मलबे का मालिक
आज़ादी के बाद लिखी गयी हिन्दी कहानियोँ में मलबे का मालिक अत्यन्त महत्वपूर्ण कहानी है। भारत विभाजन की त्रासदी पर आधारित इस कहानी के बिना नई कहानियों की चर्चा पूरी हो ही नहीं सकती है।
कहानीकर:मोहन राकेश
स्वर:मेराज अहमद
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