जीवन के ऐसे क्षण जो स्व (ख़ुद) से निकलकर विस्तार में जाने को विवश कर देते हैं उन्हीं क्षणों की अभिव्यक्ति का आयोजन
नैयरा
ऐ इश्क़ हमें बरबाद न कर।
ऐ इश्क़ न छेड़ आके हमें॥
गायिका: नैयरा नूर
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