जीवन के ऐसे क्षण जो स्व (ख़ुद) से निकलकर विस्तार में जाने को विवश कर देते हैं उन्हीं क्षणों की अभिव्यक्ति का आयोजन
मुन्नी
तुम्हें प्यार करके निभाना न आया
रुलाना तो आया हँसाना न आया
गायिका: मुन्नी बेगम
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