जीवन के ऐसे क्षण जो स्व (ख़ुद) से निकलकर विस्तार में जाने को विवश कर देते हैं उन्हीं क्षणों की अभिव्यक्ति का आयोजन
kya bat hai
bahut badhiya
अभी तो आप ही कहते हैकितना खुब कहते हैजो दिल मे आये कहते हैजो हो मत्लुक कहते हैमगर जुब आप की सिरत से सारी गुफ़्तगु हो लेतो ये याद रखना अभी तक हम नही बोले!!
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kya bat hai
जवाब देंहटाएंbahut badhiya
जवाब देंहटाएंअभी तो आप ही कहते है
जवाब देंहटाएंकितना खुब कहते है
जो दिल मे आये कहते है
जो हो मत्लुक कहते है
मगर जुब आप की सिरत से
सारी गुफ़्तगु हो ले
तो ये याद रखना
अभी तक हम नही बोले!!